IPC 147 in Hindi | IPC Section 147 | Indian Penal Code
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147
बल्वा करने के लिए दंड-- जो कोई बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
बल्वा करने के लिए दंड | दो वर्ष का कारावास या जुर्मना या दोनों | कॉग्निजबल | जमानती |
विचारणीय - किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा | कम्पाउंडबल अपराध की सूचि में सूचीबद्ध नहीं है। |
IPC Section 432
Punishment for rioting. -- Whoever is guilty of rioting, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
Punishment for rioting. | Imprisonment Two Years or Fine or Both. | Cognizable | Bailable |
Triable By - Any Magistrate | Offence is NOT listed under Compoundable Offences |
जब भी कोई व्यक्ति, लोगों के गैर-क़ानूनी जमाव या समूह जोकि किसी गैर-क़ानूनी ढंग से अपनी मांग मनवाने के लिए एकत्रित हुआ है, का हिस्सा होता है और उस समूह द्वारा या उसके किसी सदस्य या सदस्यों द्वारा किसी प्रकार की हिंसा का या बल का प्रयोग किया जाता है जिससे जान-माल की हानि होती है तो यह बलवा या दंगा है जिसे आई.पी.सी की धारा 146 में बताया गया है। धारा 147 की शिकायत होने पर पुलिस दंगाइयों को गरिफ्तार कर सकती है और जमानती होने के कारण आरोपी जमानत ले सकता है। अगर आरोपी पर इस अपराध का आरोप सिद्ध होता है तो उस दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों दंड के रूप में भुगतने पड़ सकते है।
आई.पी.सी. की धारा 147 का मामला जो सुर्खियों में रहा :
1. हाल की ही घटना जो 25 अगस्त 2017 को बाबा राम रहीम को सजा होने के बाद पंचकूला और आस-पास के स्थानों में जो हिंसा हुई और जिसमे जान माल का भी नुक्सान हुआ। इन दंगों के स्थानीय पुलिस ने विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामले दर्ज किये जिसमे से एक धारा 147 भी थी। देखें: संदर्भ