IPC 341 in Hindi | What is IPC Section 341 - Punishment under Section 341 IPC
What is Section 307 IPC:
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 341
सदोष अवरोध के लिए दण्ड --- जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
सदोष अवरोध के लिए दण्ड | एक मास तक का कारावास या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय या काग्निज़बल | जमानती |
विचारणीय : किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा | यह अपराध कंपाउंडबल है, उस व्यक्ति द्वारा जिसे निरुद्ध किया गया। |
IPC Section 341 :
Punishment for wrongful restraint.-- Whoever wrongfully restrains any person shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both.
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
Punishment for wrongful restraint. | Imprisonment for one months or fine or both | Cognizable | Bailable |
Triable By: Any Magistrate | Compoundable by The person restrained or confined. |
यदि कोई, किसी व्यक्ति को गलत ढंग से रोकेगा, अवरोधित करेगा (इसके बारे में धारा 339 में विस्तार से बताया गया है।) उस पर इस धारा के तहत पुलिस से शिकायत की जा सकती है। यह एक संज्ञेय अपराध है, इसलिए पुलिस इसपर तुरंत संज्ञान ले कर आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है और इस धारा के जमानती होने के कारण इस मामले में तुरंत जमानत ली जा सकती है और आरोपी के दोषी सिद्ध होने पर एक माह के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. जमानती अपराध पर जमानत के लिए धारा 436.
3. जमानती अपराधों पर जमानत।
आई.पी.सी. की धारा 341 का मामला जो सुर्खियों में रहा :
1. पणजी, 2013 गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने सहकर्मी यौन-उत्पीड़न किया था। इसके बाद महिला कर्मचारी ने अपने सीनियर्स से इस घटना का जिक्र किया था और मीडिया में पीड़िता, तेजपाल और तहलका की तत्कालीन मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी के बीच बातचीत की ईमेल भी पब्लिश हुई थी। उसी मामले में 28 सितंबर 2017, उत्तरी गोवा में मापुसा स्थित कोर्ट ने तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 341, 342, 354A, 354B के तहत आरोप तय कर दिए। वैसे, तरुण तेजपाल ने अपने खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मुकदमें पर रोक लगाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी । उन्होंने निचली अदालत में आरोप तय किए जाने पर रोक की भी मांग की थी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत में आरोप तय करने पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दिया।