Section IPC 323 in Hindi - भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323
स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड --- उस दशा के सिवाय, जिसके लिए धारा 334 में उपबंध है, जो कोई स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड। | एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों | असंज्ञेय या नॉन-काग्निज़बल | जमानती |
विचारणीय : किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा | कंपाउंडबल है, उस व्यक्ति द्वारा जिसकी उपहति हुई है। |
किन परिस्थितियों में मानव हत्या अपराध नहीं होगी ?
IPC Section 323
Punishment for voluntarily causing hurt.-- Whoever, except in the case provided for by section 334, voluntarily causes hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
Punishment for voluntarily causing hurt. | imprisonment may extend to one years or fine or both. | Non-Cognizable | Bailable |
Triable By:Any Magistrate | Compoundable by: The person to whom the hurt is caused. |
यदि कोई भी, किसी व्यक्ति के साथ हाथापाई, मारपीट, बुरा व्यवहार कर उपहति, चोट या हानि पहुंचाता है तो यह मामला आईपीसी की धारा-323 के तहत आता है। यह अपराध जमानती और समझौतावादी है। साथ ही इस धारा के अंतर्गत पुलिस किये गए अपराध का सीधे-सीधे संज्ञान नहीं ले सकती है अथार्त पुलिस बिना न्यायालय के वारंट के अभियुक्त को गिरफ़्तार नहीं कर सकती है। आरोपी अगर दोषी करार दिया जाता है तो उसे अधिकतम एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है। इस दावे के दौरान दोनों पक्षों द्वारा समझौता किया जा सकता है ।
CrPC की जमानत से सम्बन्धित कुछ धाराएं :
1. गैर-जमानती अपराध पर जमानत के लिए धारा 437.2. जमानती अपराध पर जमानत के लिए धारा 436.
3. जमानती अपराधों पर जमानत।
आई.पी.सी. की धारा 323 का मामला जो सुर्खियों में रहा :
1. दिनांक मई 16 2012 स्थान वानखेड़े स्टेडियम - मुम्बई में बॉलीवुड स्टार शाह रुख़ खान ने नशे की हालत में वानखेड़े स्टेडियम में मुम्बई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अधिकारियों के साथ बदसलूकी की और इस बात पर (एमसीए) के अधिकारियों ने पुलिस से शिकायत की जिसमे उन्होंने शाहरुख पर मारपीट, जान में मारने की धमकी देने के आरोप लगाए और इस शिकायत के आधार पर मरीन-ड्राइव पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड) और 506 (आपराधिक अभित्रास के लिए दण्ड) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इन धाराओं में शाहरुख पर मारपीट, जान में मारने की धमकी देने के आरोप शामिल थे।
इस शिकायत में हाथापाई या मारपीट की बात कहीं गई थी इसलिए इसे धारा 323 के अंतर्गत व धमकी देने के लिए धारा 506 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया, यह अपराध नॉन-कॉग्निजबल होने के कारण बिना मजिस्ट्रेट की आज्ञा के पुलिस कार्यवाही नहीं कर सकती देंखे CrPc 155 और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
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