भारतीय दण्ड संहिता की धारा 289
जीवजंतु के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण -- जो कोई अपने कब्जे में के किसी जीवजन्तु के सम्बन्ध में ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे जीवजंतु से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट या घोर उपहति के किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति से कारावास से, किसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
जीवजंतु के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण | छह माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय या काग्निज़बल | जमानती |
विचारणीय : किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा | यह अपराध कंपाउंडबल अपराधों की सूचि में सूचीबद्ध नहीं है |
Indian Penal Code Section 289
Negligent conduct with respect to animal.-- Whoever knowingly or negligently omits to take such order with any animal in his possession as is sufficient to guard against any probable danger to human life, or any probable danger of grievous hurt from such animal, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.
PUNISHMENT & CLASSIFICATION OF OFFENCE | |||
Negligent conduct with respect to animal. | Imprisonment may extend to six months or Fine or Both | Cognizable | Bailable |
Triable By: Any Magistrate | Offence is NOT listed under Compoundable Offences |
यदि कोई व्यक्ति किसी जीव-जंतु को पालता है या अपने कब्जे में रखता है और वो जीव के रख रखाव में उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाता है यानि की उसका ठीक से ध्यान नहीं रखता है या उसका वह जीव किसी दूसरे जीव या व्यक्ति को काटता है या कोई हानि पहुंचता है तो पुलिस को इसकी शिकायत होने पर जीव के मालिक पर आईपीसी की धारा 289 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। ऐसे कई मामले है जिनमे न्यायालय ने जीव के मालिक को दंडित किया है।
सन्दर्भ में आई.पी.सी. की धारा 289 का मामला जो सुर्खियों में रहा :
1. नई दिल्ली [04 नवम्बर 2017]: दिल्ली के भाटी माइंस में एक अनोखी घटना देखने को मिली, यहाँ एक सुअर ने मां की गोद से बच्ची के सिर को उस समय पकड़ लिया जब माँ अपनी बच्ची को दूध पीला रहीं थी। अचानक सूअर द्वारा बच्ची के सर को पकड़ने से माँ ने ह्ऱडबडा कर शोर मचा दिया जिससे सूअर वहां से भाग गया। बच्ची को अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई। इलाके के लोगो द्वारा पुलिस को सूचित करने पर पुलिस ने अज्ञात लोगो पर आईपीसी की धारा 289 और 304A के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
अगर कोई जीव-जंतु का मालिक अपने पशु-धन को लावारिस छोड़ देता है तो भी आईपीसी की धारा 289 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
सन्दर्भ में आई.पी.सी. की धारा 289 का मामला जो सुर्खियों में रहा :
1. नई दिल्ली [04 नवम्बर 2017]: दिल्ली के भाटी माइंस में एक अनोखी घटना देखने को मिली, यहाँ एक सुअर ने मां की गोद से बच्ची के सिर को उस समय पकड़ लिया जब माँ अपनी बच्ची को दूध पीला रहीं थी। अचानक सूअर द्वारा बच्ची के सर को पकड़ने से माँ ने ह्ऱडबडा कर शोर मचा दिया जिससे सूअर वहां से भाग गया। बच्ची को अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई। इलाके के लोगो द्वारा पुलिस को सूचित करने पर पुलिस ने अज्ञात लोगो पर आईपीसी की धारा 289 और 304A के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
#Delhi: Pig mauls 18-day-old girl to death in Bhatti Mines. Case registered against unknown people under IPC Sections 289 and 304A.
— ANI (@ANI) November 4, 2017
अगर कोई जीव-जंतु का मालिक अपने पशु-धन को लावारिस छोड़ देता है तो भी आईपीसी की धारा 289 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
ध्यान दें: यहाँ पर ऊपर दिया गया उदाहरण केवल भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और किए गए अपराधों के तालमेल को समझने के लिए दिया गया है और इसी लिए उदाहरण को चर्चित समाचार के माध्यम से बताने की चेष्ठा की गई है। साक्ष्य के रूप में उन समाचारों के लिंक को उपर प्रस्तुत किया गया है जो उदाहरण के लिए प्रयोग किए गए है। अतः यह उदाहरण मन गढ़ंत नहीं है। NEWS
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